मन्ना दा के गानों पर हुए “ दिल का हाल सुने दिल वाला “ कार्यक्रम के बारे में मैने अपने पिछले पोस्ट में लिखा था और आपको उस प्रोग्राम के प्रारंभ का गीत – तू प्यार का सागर है – सुनवाया था. तो आज प्रस्तुत है, उसके आगे की कडी –सिलसिलेवार क्रम से.
जैसा कि आप को विदित है, ये कार्यक्रम इंदौर में हुआ था संगीत को समर्पित एक मुख्त़लिफ़ सी संस्था “श्रोता बिरादरी “ के बेनर तले. बिना कोई बडे़ बडे़ तामझा़म किये हुए इस संस्था ने जमीन से जुड कर सच्चे संगीत प्रेमी के लिये अपनी सेवायें दी है, बिल्कुल बिना किसी परिश्रम के.पता है ,प्रस्तुत कार्यक्रम में किसी भी कलाकार नें एक भी पैसा पारिश्रमिक नही लिया है और ना ही कार्यक्रम का कोई शुल्क रखा गया था.
तो आज से हम उस कार्यक्रम को आपके सामने एक एक कडी़ के रूप में प्रस्तुत करेंगे और आप को सुरों की इस दावत में अगर मज़ा आया तो हमें खुशी होगी.
यकीन मानिये, यहां आपको किसी व्यावसायिक प्रोग्राम की तरह लटके झटके या हंगामा नही मिलेगा. ये श्रोता वाकई में संगीत के सही पारखी और शौकिन है, और समाज के हर तबके से आते है.
कार्यक्रम की शुरुआत हमने एक भजन से की , और फ़िर हमारे रिवाज के अनुसार कार्यक्रम के सूत्रधार श्री संजय पटेल नें मन्ना दा को सशरीर हमारे बीच में आहूत किया, उनके स्वयं के उद्गार और मूल गीत लेकर. इसमें किसी को कोई संशय नही है, (गायक को तो कतई नही) कि यहां जो भी सुनवाया जायेगा वह इन मूर्धन्य गायको के गुणों और जलाल के सामने कुछ भी नही. फ़िर भी हम उन्हे याद करें और दिली सुकून पायें यही कोशिश.
भय भंजना , वंदना सुन हमारी.