Wednesday, June 24, 2009

उस्ताद अली अकबर खां – विनम्र श्रद्धांजली

Akbar पिछले दिनों संगीत के इस जाजम पर कुछ नही लिख पाया. यही कहूंगा कि संगीत पर लिखना या किसी बात पर भी अपनी राय देना तभी संभव है, जब आप मन से उसमे रमे हुए हो.  यह ब्लोग मैं अपने दिल की कलम से लिखता हूं, और पिछले दिनों उसकी स्याही जैसे सूख ही गयी थी.

खैर, २० जून को विश्व संगीत दिवस था, और Father’s Day भी. पता नही ये दिन कौन तय करता है, और एक ही दिन ये दो दो खास विधायें… गज़ब……

खैर, दुख की यह बात है कि प्रख्यात सरोद वादक पद्मभूषण, पद्मविभूषण उस्ताद अली अकबर खां साहब इन्तेकाल फ़रमा गये. जैसे कि पं.रविशंकर का नाम सितार का पर्यायवाची है, वैसे ही आपका नाम सरोद से. क्या ही संयोग है कि आपके पिता संगीत के भीष्म पितामह उस्ताद अलाउद्दिन खां साहब से आपने तीन वर्ष की उम्र से ही संगीत सीखना शुरु किया और अपने गुरु भाईयों पं.रविशंकर, बांसुरी वादक पन्नालाल घोष,हरिशंकर चौरसिया , तबला वाद्क निखिल घोष ,  और बहन अन्नपूर्णा देवी की तरह संगीत की दुनिया में शीर्ष स्थान पाया.आपके शिष्यों में सुरीले संगीतकार जयदेव जी का भी नाम है.

भगवान उनकी आत्मा को शांती प्रदान करे .

vlcsnap-220979  मन्ना दा के गानों पर हुए  “ दिल का हाल सुने दिल वाला “ कार्यक्रम के बारे में मैने अपने पिछले पोस्ट  में लिखा था और आपको उस प्रोग्राम के प्रारंभ का गीत – तू प्यार का सागर है – सुनवाया था. तो आज प्रस्तुत है, उसके आगे की कडी –सिलसिलेवार क्रम से.

जैसा कि आप को विदित है, ये कार्यक्रम इंदौर में हुआ था संगीत को समर्पित एक मुख्त़लिफ़ सी संस्था “श्रोता बिरादरी “ के बेनर तले. बिना कोई बडे़ बडे़ तामझा़म किये हुए इस संस्था ने जमीन से जुड कर सच्चे संगीत प्रेमी के लिये अपनी सेवायें दी है, बिल्कुल बिना किसी परिश्रम के.पता है ,प्रस्तुत कार्यक्रम में किसी भी कलाकार नें एक भी पैसा पारिश्रमिक नही लिया है और ना ही कार्यक्रम का कोई शुल्क रखा गया था.

तो आज से हम उस कार्यक्रम को आपके सामने एक एक कडी़ के रूप में  प्रस्तुत करेंगे और आप को सुरों की इस दावत में अगर मज़ा आया तो हमें खुशी होगी.

यकीन मानिये, यहां आपको किसी व्यावसायिक प्रोग्राम की तरह लटके झटके या हंगामा नही मिलेगा. ये श्रोता वाकई में संगीत के सही पारखी और शौकिन है, और समाज के हर तबके से आते है.
                       vlcsnap-270064                          
कार्यक्रम की शुरुआत हमने एक भजन से की , और फ़िर हमारे रिवाज के अनुसार कार्यक्रम के सूत्रधार श्री संजय पटेल नें  मन्ना दा को सशरीर हमारे बीच में आहूत किया, उनके स्वयं के उद्गार और मूल गीत लेकर. इसमें किसी को कोई संशय नही है, (गायक को तो कतई नही) कि यहां जो भी सुनवाया जायेगा वह इन मूर्धन्य गायको के गुणों और जलाल के सामने कुछ भी नही. फ़िर भी हम उन्हे याद करें और दिली सुकून पायें यही कोशिश.

भय भंजना , वंदना सुन हमारी.



इसके बाद गीतकार प्रदीप के वाणी से मन्ना दा के बारे में सुनिये  और उनका लिखा हुआ बेहद लोकप्रिय हुअ ये गीत

उपर गगन विशाल, नीचे गहरा पाताल ….


और बाद में पूरा गीत अलग से.



अगली कडी़ में मन्ना दा के गाये गीतों के अलग अलग रंगों से वाकिफ़ करायेंगे …. 

23 comments:

Sajal Ehsaas said...

Ishwar Ali saab ki aatama ko shaanti de...zaroori hai ki aaj ke log aise logo ke baare me jaane aur inki khaas izzat kare...

राज भाटिय़ा said...

पद्मविभूषण उस्ताद अली अकबर खां साहब जी को अल्लह जन्नत नसीब करे,
बाकी मन्ना डे जी के गीतो का कोन दिवाना नही होगा, आज भी यह गीत ऊपर गगन ... बहुत अच्छा लगा, आप की अगली कडी की इंतजार रहेगी, बस अब यह गीत सुनता हूं मन्ना डे जी की मधूर आवाज मै.
धन्यवाद

Udan Tashtari said...

उस्ताद अली अकबर खां साहब को विनम्र श्रृद्धांजलि!

Himanshu Pandey said...

मन्ना डे जी के गीत सदा मनभावन होते हैं ।

उस्ताद को श्रद्धांजलि । आभार ।

RAJ SINH said...

उस्ताद अली अकबर अपने आप में एक संसथान थे . मेरी श्रद्धांजलि .
संगीतमय पोस्टें आपकी सुकून देती हैं . जारी रखें .

लावण्यम्` ~ अन्तर्मन्` said...

आपका आलेख बढिया लगा सँजय भाई को सुनकर खुशी हुई और अली अकबर खाँ साहब की स्मृतियोँ को मेरे नमन
मेरे पापा जी के ये गीतोँ को सँगीतबध्ध उन्हीने किया था
फिल्म आँधियाँ के लिये
जो नवकेतन बैनर की फिल्म थी
देखियेगा ये लिन्क :
-- लावण्या

The links :
फ़िल्म : आंधियां जिसके नाम पर ये गीत है :

http://www.youtube.com/watch?v=34Z7VHSnEKo
" वो चाँद नही है, दिल है किसी दीवाने का "
: हेमंत कुमार / आशा जी
संगीत : अली अकबर खान सा'ब
http://www.youtube.com/watch?v=LTawx2AVEa4

ताऊ रामपुरिया said...

खां साहब को विनम्र श्रद्धांजली. आपने बहुत ही मेहनत से इतनी शानदार पोस्ट तैयार की है. इसका आनंद आज रात को ऊठाया जायेगा. बहुत धन्यवाद आपको.

रामराम.

डॉ .अनुराग said...

उस्ताद अली अकबर खां साहब को विनम्र श्रृद्धांजलि!

निर्मला कपिला said...

ustaad ali akbar khan jee ko meree naman shradhanjali
aaj bahut din bad main apne blog veeranchalgatha par gayee to vahan se apke blog kaa pata mila mujhe is baat ka dukh hua ki main itani der se itane acche blog ko dekhane se vanchit rahi bahut sundar aur gianvardhak blog ke liye apko badhai

निर्मला कपिला said...

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प्रकाश गोविंद said...

उस्ताद अली अकबर खां साहब की स्मृति को नमन एवं विनम्र श्रृद्धांजलि !

मेरी बदकिस्मती कि मैं अब तक इस ब्लॉग तक नहीं पहुँच सका !

अत्यंत श्रमसाध्य पोस्ट तैयार की है आपने !

अब तो निरंतर ही आना होता रहेगा !

आपको शुभ कामनाएं !

आज की आवाज

Harshad Jangla said...

दिलीपभाई
मन्नादा की खुद की आवाज़ में एक नयी कड़ी सुनकर तो मानो कोई खजाना मिल गया हो | इतना आनंद आया है की मैं वर्णन नहीं कर सकता | दिलसे आपका धन्यवाद अदा करता हूँ |
अगली कड़ी का बेसब्री से इंतज़ार रहेगा |
-हर्षद जांगला
एटलांटा युएसए

Alpana Verma said...

पद्मविभूषण उस्ताद अली अकबर खां साहब ko bhaav bhini srddhanjali.
shrota biraadari karykarm ek bahut hi achchee peshkash hai..

jaankar ashchry aur khushi hui hai ki aaj ke bhotik yug mein bhi sangeet ki aap sabhi niswarth bhaav se pooja kar rahe hain.
ek saath 3 videos post ki hain ...
is ka arth yah lag raha hai ki aap phir kayee dino hi baad nayi post likhenge???
apne busy schedule mein se post ke liye samay nikalna aur itni mehnat se post likhna bhi bahut badi baat hai!

Sabhi Geet ab sunti hun...
[sorry,deri se comment kar pa rahi hun.]

cartoonist anurag said...

ustad ali akbar khan ko vinamr shrdhnjali....

हरकीरत ' हीर' said...

उस्ताद अली अकबर खां साहब के इन्तेकाल पर श्रद्धांजली.....!!

मन्ना दे की गीत बहुत पसंद आये ....!!

Smart Indian said...

आपके लेख और मन्ना डे के गीत के तो क्या कहने!
अली अकबर खां साहब को श्रद्धांजलि!

ARUNA said...

bahut hi vinamr shradhanjali hai yeh......meri taraf se bhi shradhanjali!
Aapka blog mujhe behad pasand aaya!!!!

cartoonist anurag said...

dileep ji aapne jo mera hosla badaya....uske liye dil se aabhar...

asha karta hun aap aage bhi isi tarah meri hoslaafzai aour margdarshan karte rahenge.....

Alpana Verma said...

आप के ब्लॉग को २३ जून एक वर्ष पूरा करने पर ढेर सारी बधाईयाँ और शुभकामनायें.

Arvind Kumar said...

bahut badhiya post... aapke agle post ka intzaar rahega

vijay kumar sappatti said...

ustaad ko shardanjali...

maanaday par aap itni acchi jaankari de rahe hai ki kya kahun .. man prassaan ho jaata hai .. kal hi main unka ek geet gaane ki koshish kar raha tha " chunri sambhaal gori..udi chali jaaye re''' unke bahut se geet mujhe bahut pasand hai ....specially offbeat songs based on shaastriya sangeet..

is beahtreen lekh ke liye meri badhai sweekar karen..
Aabhar
Vijay
http://poemsofvijay.blogspot.com/2009/07/window-of-my-heart.html

आशा जोगळेकर said...

अली अकबर खाँ साहब की रूह को वहाँ जन्नत में बी संगीत का आनंद मिले यही दुआ करते हैं ।

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