Sunday, December 20, 2009
राज कपूर और शैलेंद्र... दोस्त दोस्त ना रहा...
मैं पिछले दो महिनों से इस दिन के लिये इंतेज़ार कर रहा था. यह दिन था १४ दिसंबर, जिस दिन हमारे हर दिल अज़ीज़ , फ़िल्म जगत के सबसे बडे , सर्व श्रेष्ठ शोमन राज कपूर का जन्म दिन था, और भावुक हृदय के , मानव संवेदनाओं को अचूक शब्दों और पद्य में ढालने वाले फ़िल्मी गानों के सर्व श्रेष्ठ गीतकार शैलेंद्र की पुण्य़तिथी थी.
मगर संयोग से मेरे पिताजी को दिल के दौरे की वजह से अस्पताल भर्ती करना पडा और इसलिये मैं उस दिन पोस्ट लिखने से चूक गया. खैर कोई बात नहीं. पिताजी अच्छे हो कर घर आ गये हैं तो आप भी तो घर वाले ही हैं, अब लिख देतें हैं.
राज कपूर एक बेहतरीन फ़िल्म निर्माता , निर्देशक एवं अभिनेता थे ये हर व्यक्ति जानता ही है.मगर वे एक बेहद संवेदनशील व्यक्तित्व के इंसान थे, जिसमें ह्युमन पेथोस, मानवीय मूल्यों और करुणा के आकलन का जजबा था. साथ ही में वे एक आला दर्ज़े के संगीत मर्मग्य भी थी. मैं तो ये भी कहूंगा कि वे एक बेहतरीन संगीतकार भी थे, और उनके फ़िल्म के हर फ़्रेम के हर प्लॊट के, हर सिच्युएशन के मूड्स को वे स्वरों की भाषा में डिफ़ाईन करना या अविष्कृत करना जानते थे.
दोस्त दोस्त ना रहा...
ये गीत मुझे कई कारणों से बहुत ही दिल के करीब लगता है. मेलोडी के बादशाह संगीतकार शंकर जयकिशन के संगीत में निबद्ध इस गीत में मित्र और पत्नी के लिये नायक के भग्न हृदय के कातर विचारों को बहुत ही असरदार तरीके से भाव प्रवीण बोलों में पिरोया है कविश्रेष्ठ शैलेंद्रजी नें और उन संवेदनाओं को ,उस चुभन को भीगे हुए स्वरों में अनुनादित किया है मुकेशजी नें , जिसके कारण यह गीत एक कालजयी गीत बन गया है.
मगर अगर आपने फ़िल्म देखी हो, तो ये भी कहना पडेगा कि राज जी नें वाकई में इस गीत में अपना दिल और उसके इमोशन्स उंडेल कर रख दिये हैं. आप देखिये , ये गाना पिक्चराईज़ करना बहुत ही मुश्किल होना चाहिये था. दर्शक से खुद राज जी गीत के माध्यम से रू ब रू होते हैं, अपने नज़रिये से, अपने दिल के ज़ख्मों को बयान करते हुए.
मगर साथ में गीत के दोनों इंटरल्युडस में आप देखते हैं विज़्युअल्स का कोलाज़ , पहले राजेंद्र कुमार के चेहरे के भावों के एक्स्प्रेशन पर फ़्लेशबेक के स्मृतिचित्रों से, और बाद में वैजयंतीमाला के, जिससे उनके नज़रिये में होते हुए बदल तक को राज जी नें कमाल के एडिटिंग से दर्शाया है.
साथ में पार्श्व में शंकर जयकिशन जी के उद्वेलित करने वाले पियानो के स्ट्रिंग नोट्स, मानो आपके दिल पर हथौडे से वार कर रहे हों , और काऊंट्रा मेलोडी के साथ प्रयुक्त किये हुए वायलीन के आरी के तरह रूह को चीरते हुए स्वर, इस गीत को अमर बना देती है.
कहा जाता है,कि ये गीत शैलेंद्रजी नें भारत चीन की दोस्ती के और युद्ध के संदर्भ में लिखा था.ये भी कहा जाता है कि तीसरी कसम को बनाने के लिये जब शैलेंद्र ने ठानी तो राज कपूर नें उनको मना किया था. फ़िर इस फ़िल्म के बनने में भी राज कपूर नें लगभग असहयोग ही किया. तो सही माने में इस गीत के बोल सार्थक हुए और एक दोस्त जान से चला गया.
उधर कोई ये भी कहता है कि ये बात गलत है, क्यों कि इस फ़िल्म के लेखक फ़णीश्वर नाथ रेणु , जिनकी किताब पर यह फ़िल्म बनीं थी, नें अपने संस्मरणों में कभी ये ज़िक्र नहीं किया कि ऐसी कोई बात थी.
ज़्यादह नहीं लिखता हूं, आपको ये फ़िल्म की क्लिप दिखाता हूं, मगर एक छोटी सी गुस्ताखी के साथ, कि ये भी मेरी स्वरांजली ही है, दिलीप के दिल से....
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9 comments:
बहुत ही अच्छी पोस्ट लिखी है.
आप के पिताजी अब स्वस्थ हैं जानकार खुशी हुई.
गीत बहुत ही अच्छा गाया है और मिक्सिंग भी बहुत अच्छी की है.
पियानो पर बजता यह गीत बहुत ही प्रभावी सुनाई देता है.
बोल ,संगीत ,गीत बेजोड़ और आपकी गायकी भी.
Sujhaav-अगर ऑडियो प्लेयर भी लगा देते तो अच्छा था.
क्या यह गीत मुझे Email करीएगा?
Abhaar
बहुत सुंदर पोस्ट, बाबूजी जल्द स्वस्थ हों यही शुभकामनाएं.
रामराम.
बाबूजी जल्द स्वस्थ हों भगवान से यही कामना करते है, लेख ओर गीत बहुत सुंदर लगा
गीत तो निस्सन्देह बहुत सुन्दर है । आपके पिता जी जल्दी स्वस्थ हों भगवान से यही प्रार्थना है धन्यवाद्
कई फिल्म समीक्षकों का मानना है कि तीसरी कसम के बनने में राज कपूर ने ऍसा कोई व्यवधान पैदा नहीं किया था जिसका ठीकरा अक्सर उनके सर फोड़ा जाता है। उससे कहीं अधिक शैलेंद्र निर्देशक बासु भट्टाचार्य के गैर पेशेवर व्यवहार, वितरकों के फिल्म को ठंडे रिस्पांस से दुखी थे। और फिर शैलेंद्र की पीने की लत भी उन्हें भीतर से खोखला कर रही थी। सच कहिए तो अभिनय की दृष्टि से राज कपूर गाड़ीवान के किरदार में इतने रमे थे कि वो मुझे उनका निभाया हुआ सर्वश्रेष्ठ किरदार लगता है।
--नववर्ष मंगलमय हो।
राज कपूर अपने आप मे एक संस्था थे । ये गीत तो मुझे भी बहुत पसंद हैऔर तीसरी कसम फिल्म भी । बहुत दिनों से आपके ब्लॉग पर आ नही पाई । आप के पिताजी जल्दी ही स्वास्थ्य लाभ करें । आप को पूरे परिवार सहित नव वर्ष शुब हो मंगलमय हो ।
दिलीप जी आपको और समस्त परिवार को नववर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ!
achha alekh .
pitaji ki jaldi svsth hone ki kamna ke sath navvarsh ki badhai.
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