Monday, June 23, 2008

Black & White

सिने सन्गीत जगत के स्वर्णिम दौर की यादे ताज़ा कराने वाला यह सुहाना सफ़र हमने कल रात इन्दौर मे तय किया. ब्लेक एवम व्हाईट फ़िल्मो के सदाबहार नगमो से नवाज़ा पूणे के एक कलाकार समूह ने, जिसमे हमने करीब ढाई घन्टे तक मेलोडियस एवम सुमधूर गानो को न केवल सुना, वरन देखा भी.

कार्यक्रम की प्रस्तुति का , कलाकारों के सुरीले गायन का असर इतना हुआ की हम अभी तक डूबे हुए है.

गायक एवम गायिका गाते गाते उस दौर के परिधानो मे इतने घुल गये कि हमे लगा की हम उस ज़माने मे बैठ के प्रत्यक्ष रियल टाईम मे वह लम्हा जी रहे है.

पहला ब्लोग है, बस इतना ही.
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